दो बूढ़ों के एक-एक पोता-पोता था और वे दो नटखट नौजवान लड़के थे। यह कहानी सर्दियों के समय की है और चारों एक आग के चारों ओर खुद को गर्म कर रहे थे। बच्चे अपने दादाजी के गले में लटके हुए थे और उनमें से एक ने कहा 'कौन लंबा है, तुम्हारे दादा या मेरे?'

मेरा! नहीं, मेरा बड़ा है! नहीं, नहीं नहीं, मेरा बड़ा है! और किसके दादा मजबूत हैं? मेरा। नहीं, मेरा ज्यादा मजबूत है!

दोनों दादाजी ने एक दूसरे को क्रोधी रूप दिया। 'आप सीएल ... बैग! Oetlul!' वे एक दूसरे से चिल्लाए, कूदे और लड़े! लकड़ी की आग में लट्ठे सभी दिशाओं में उड़ गए। लोग, वे क्या चल रहे थे। इतना ही काफी नहीं था तो उन्होंने एक-दूसरे को काटा भी। बच्चे खुश हो गए! मेरे दादा जीत गए! नहीं, मेरा जीतता है!

फुवाई अंत में इसके पास पहुंच गए और लड़ाई बंद कर दी। दोनों दादा थूक से लथपथ थे क्योंकि उन्होंने एक-दूसरे को काटा था। लेकिन दोनों के मुंह में लगभग एक भी दांत नहीं बचा था….. गांव को शर्म आ रही थी कि उन्होंने इतना बचकाना व्यवहार किया और बच्चों की बातों से खुद को उत्तेजित होने दिया।

स्रोत:

उत्तरी थाईलैंड से दिलचस्प किस्से। व्हाइट लोटस बुक्स, थाईलैंड। अंग्रेजी शीर्षक 'माई ग्रैंडफादर इज बिगर!'। एरिक कुइजपर्स द्वारा अनुवादित और संपादित। लेखक विगो ब्रून (1943) हैं; अधिक स्पष्टीकरण के लिए देखें: https://www.thailandblog.nl/cultuur/twee-verliefde-schedels-uit-prikkelende-verhalen-uit-noord-thailand-nr-1/

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